Health Tips: क्या सच में सीधी आग पर रोटी पकने से कैंसर होता है! जानिए सच और सुरक्षित तरीका!

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रोटी पकाने का सही तरीका

Health Tips: क्या आप जानते हैं कि सीधे आग पर रोटी पकाना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है? इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि सीधे आग पर रोटी पकाने से क्या नुकसान हो सकते हैं और इस लेख में हम  रोटी पकाने के सही तरीके में भी जाने गे। 

जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत के हर घर में रोटी की एक अलग ही पहचान है। भारतीय घरों में रोटी/चपाती एक महत्वपूर्ण भोजन है। कई लोग इसे सीधे आग पर पकाना पसंद करते हैं, क्योंकि सीधे आग पर रोटी पकाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे हानिकारक धुआं और धुआं में शामिल कार्बन मोनोक्साइड की उत्पत्ति होती है, जो साँस लेने के लिए हानिकारक हो सकता है।

Health Tips: क्या हमें रोटी को सीधे आंच पर नहीं पकाना चाहिए? आइए मामले की गहराई से जानते है।

Health Tips: रोटी या चपाती, पूरे दिन विभिन्न भोजन के साथ, भारतीय डाइनिंग टेबल पर एक विशेष स्थान रखती है। सब्जी हो या फिर दाल या किसी अन्य करी के साथ रोटी हमारे लिए एक जरुरी और महत्वपूर्ण भोजन है। अक्सर रोटी  को पकाने के लिए सबसे पहले तवे पर आधी रोटी को पकाया जाता है और फिर चिमटे की सहयता से सीधी आंच पर रोटी को पकाया जाता है। हालाँकि, इस तरह रोटी पकाने के तरीके को सही नहीं माना गया है।

कई सोशल मीडिया पोस्ट में रोटी को सीधी आंच पर पकाने के खिलाफ चेतावनी दी जा रही है। यहां तक ​​कि कुछ रिपोर्ट्स में स्टोव जलाने से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों का पता चलने का दावा किया गया था।

जानिए एक्सपर्ट की राय!

Healthhatch नाम की एक इंस्टाग्राम पेज पर एक एक्सपर्ट ने बताया है कि एलपीजी गैस जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड और पानी पैदा करती है। यह बेंजीन जैसे कुछ कार्सिनोजेन (कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ) भी पैदा करती है, लेकिन बहुत कम मात्रा में।

अगर आपकी रसोई अच्छी तरह हवादार है, तो कालिख से भरे हुए चूल्हे पर रोटी पकाना हानिकारक नहीं है। कालिख में बेंजीन की मात्रा बहुत कम होती है, और रोटी पकाने के दौरान यह और भी कम हो जाती है।

एम्ब्रोसिया वेलनेस पर एक रिपोर्ट में पल्लवी पिंगे बताती हैं कि सीधी आंच पर रोटी पकाने का समय बहुत ही कम होता है, आमतौर पर कुछ सेकंड का ही होता है, जिससे PAH और HCA का उत्पादन कम मात्रा में होता है। शोध से पता चलता है कि 15 मिनट या उससे अधिक समय तक खाना पकाने के दौरान इन कार्सिनोजेन्स का महत्वपूर्ण स्तर उत्पन्न होता है।

रोटी बनाने की प्रक्रिया में, इसे सीधे उच्च तापमान पर पकाया जाता है। यह हेट्रोसाइक्लिक एमाइन (HCA ) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAH ) जैसे रसायनों का निर्माण कर सकता है। ये रसायन कार्सिनोजेन होते हैं, जिन्हें कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के रूप में जाना जाता है।

पायरोलिसिस नामक एक रासायनिक प्रतिक्रिया उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में रोटी में कार्बनिक यौगिकों को तोड़ देती है। यह संभावित रूप से हानिकारक कणों का निर्माण करता है। द वेलनेस कॉर्नर के अनुसार!

जिस तरीके से रोटी या चपाती बनाई जाती है, क्या वह कैंसरकारी है?

भारतीय रोटी या चपाती की दुनिया भर में एक अलग पहचान है। भारत में इसे फुल्का के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार की भारतीय फ्लैटब्रेड है जिसे आमतौर पर दक्षिण एशियाई व्यंजनों में खाया जाता है। रोटी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाली तरीके में सबसे पहले रोटी को तवे पर दोनों साइड से हल्का ब्राउन होने तक पकाया जाता है। जब तक कि यह फूल न जाए और भूरे रंग के धब्बे न बन जाए। फिर रोटी को पकाने के लिए सीधे आंच पर डाल दिया जाता है. इस तरीके में उच्च ताप शामिल होता है, जो कैंसर की संभावना के बारे में चिंता पैदा कर सकता है।

सीधी आंच पर रोटी या चपाती पकाने से कैंसर क्यों नहीं होगा?

कुछ लोगों को लगता है कि सीधी आंच पर रोटी या चपाती पकाने से कैंसर हो सकता है।

लेकिन यह सच नहीं है:

  1. रोटी को कम समय के लिए पकाया जाता है: रोटी को पहले तवे पर आधे से ज्यादा पका लिया जाता है और फिर सीधी आंच पर कुछ सेकंड के लिए पकाया जाता है। यह कैंसरकारी यौगिकों (जैसे पीएएच और एचसीए) के बनने की संभावना को कम करता है।
  2. कैंसरकारी यौगिकों का निर्माण: पीएएच और एचसीए तब बनते हैं जब मांस को उच्च तापमान पर लंबे समय तक पकाया जाता है, जैसे कि 15 मिनट या उससे अधिक। रोटी कोशीद जांच पर बहुत ही कम समय के लिए पकाया जाता है, इसलिए इन कैंसरकारी यौगिकों के बनने की संभावना बहुत ही कम होती है।
  3. वेंटिलेशन: यदि आप खाना पकाते समय उचित वेंटिलेशन या एडजेस्ट फैन, या किचन चिमनी पंखा का उपयोग करते हैं, तो धुआं कम हो जाएगा, जिससे कैंसरकारी यौगिकों का निर्माण का खतरा ना के बराबर होगा।
  4. पौष्टिक भोजन: रोटी या चपाती एक स्वस्थ और पौष्टिक भोजन है जो जटिल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर और वसा में कम होता है।

Health Tips – रोटी पकाने का सुरक्षित तरीका:

  • गैस पर तवे के ऊपर रोटी पकाएं: यह रोटी पकाने का सबसे सुरक्षित तरीका है।
  • माइक्रोवेव में रोटी गरम करें: यदि आप पहले से पकी हुई रोटी गरम करना चाहते हैं, तो माइक्रोवेव का उपयोग करें।
  • ओवन में रोटी गरम करें: ओवन में रोटी गरम करने से रोटी कुरकुरी और स्वादिष्ट बनती है।

chapati Approx. calories

Health Tips: एक मीडियम आकार की रोटी (लगभग 40 ग्राम) में लगभग 104 कैलोरी होती हैं। यह मात्रा थोड़ी बहुत ऊपर-नीचे हो सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का आटा रोटी या चपाती बनाने में इस्तेमाल करते हैं, रोटी कितनी मोटी है और इसे कैसे पकाया जाता है।

यहां रोटी के अन्य पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई है (प्रति 100 ग्राम): 

  • कार्बोहाइड्रेट: 63 कैलोरी (15 ग्राम)
  • प्रोटीन: 10 कैलोरी (2 ग्राम)
  • वसा: 33 कैलोरी (3.7 ग्राम)
  • फाइबर: 2 ग्राम
  • लोहा: 0.3 मिलीग्राम
  • कैल्शियम: 8 मिलीग्राम

आप अपनी कैलोरी की जरूरतों के आधार पर यह तय कर सकते हैं कि आपको एक दिन में कितनी रोटी खानी चाहिए। सामान्य तौर पर, एक स्वस्थ आदमी के लिए एक दिन में 1,500 से 2,000 कैलोरी की आवश्यकता होती है।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये सिर्फ औसत आंकड़े हैं और आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के हिसाब से बदल सकते हैं। आपको अपनी कैलोरी की मात्रा और पोषण संबंधी ज़रूरतों के बारे में किसी पोषण विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए।

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